Featured Post

नवरात्रि में पाएं आर्थिक समृद्धि

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही अहम माना गया है। भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है और ये सभी ऋतु परिवर्तन के संकेत होते हैं। या यूं कहें कि ये सभी ऋतु परिवर्तन के दौरान मनाए जाते हैं। सामान्यत: लोग दो ही नवरात्र के बारे में जानते हैं। इनमें पहला वासंतिक नवरात्र है, जो कि चैत्र में आता है। जबकि दूसरा शारदीय नवरात्र है, जो कि आश्विन माह में आता है। हालांकि इसके अलावा भी दो नवरात्र आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नवरात्र के बारे में कई ग्रंथों में लिखा गया है और इसका महत्व भी बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी महीनों के मुताबिक 3 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा। इन दिनों में तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है, विशेषकर धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं। धन प्रात्ति के लिए नियमपूर्वक-विधि विधान से की गई आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। नौकरी-पेशे वाले धन प्रात्ति के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना- गुप्त नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर मां की आराधना करें।  मां को लाल कपड़े में...

कर्क राशि: 24 नवम्बर से 22 दिसम्बर मास राशिफल

मार्ग शीर्ष मास में कर्क राशि वाले जातकों के लिए प्रतीकात्मक रूप से चन्द्रमा राशि स्थान में ही कर्क राशि की कुंडली में चन्द्रमा इसके प्रधान ग्रह हैं। 24 नवम्बर को वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में चन्द्रमा प्रवेश करेंगे। राहू और केतु कर्क और मकर में ही विराजित। सूर्य यहां नीचस्थ स्थितियों से वृश्चिक राशि में 16 नवम्बर को प्रवेश कर चुके हैं। 16 नवम्बर को ही शुक्र वक्री स्थितियों से निकलकर मार्गी हो गए। मार्गी के साथ लाभेश होकर यहां स्वराशिस्थ होकर सुख स्थान के अंदर आ गए। ये स्थिति अच्छी। शनि धनु में ही है जो लम्बे समय तक यहीं रहेंगे। गुरु वृश्चिक राशि में ही विराजित, किन्तु 7 दिसम्बर तक अस्तगत स्थिति में। सूर्य और बुध के बुद्धादित्य योग का निर्माण हो रहा है। लेकिन बुध यहां वक्री रहेंगे जो कि 6 दिसम्बर तक इसी स्थिति में रहेंगे। सूर्य ने शुक्र को अस्तगत स्थितियों में लेकर आए। अभी गुरु अस्तगत हैं और जब अपनी संक्रांति फिर से बदलेंगे और धनु में जाएंगे तो उसके कुछ दिन बाद ही शनि को अस्तगत स्थिति में लाने का कार्य करेंगे। 22 दिसम्बर तक की बात करें तो 4 से 5 दिन के लिए शनि अस्तगत स्थिति में होंगे। 18 जनवरी को उदित अवस्था के अंदर शनि आ पाएंगे। सूर्य जैसे जैसे अपनी संक्रांति परिवर्तिन कर रहे हैं वैसे वैसे ही फल देते चले जा रहे हैं। कर्क राशि वाले लगातार आगे बढऩे के लिए ध्यान रखें कि भावनात्मक रूप से हमें घटाना चाहिए। भावनाओं और संवेदनाओं की जरूरत रहती है लेकिन उसे थोड़ा कम किया जाए तो फायदा। शिक्षा की स्थितियों में गुरु पंचम स्थान कारक स्थान में है। गुरु के साथ मंगल भी पराक्रम स्थान पर रहने अच्छे फल की उम्मीद। सूर्य और गुरु की स्थितियां अस्तगत होते हुए भी अच्छी रहेगी। पंचम स्थान में बैठे हुए बुध भी शिक्षा में अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं। मैकेनिकल, केमिकल और माइनिंग इंजीरियरिंग फील्ड में भी स्थिति अच्छी। क्योंकि शनि मंगल को भी देखते के साथ सारे क्षेत्रों के अधिपति। भले ही 6-8 की स्थिति है, लेकिन शिक्षा में मानसिक चेतना के कारक ग्रह है। इसके साथ सूर्य जैसे प्रखर व वृद्ध ग्रह है। सोच समझदारी और ज्ञान का उदय वाले ग्रह हैं। शिक्षा के लिए उत्तम स्थितियां हैं। 7 दिसम्बर के बाद प्रतिस्पर्धात्मक एक्जाम देने जा रहे हैं तो समय अनुकूल है। मेहनत और भाग्य जब एकसाथ सहयोग में आते हैं तो रिजल्ट अच्छे मिलते हैं। यहां भाग्येश होकर गुरु पंचम स्थान के अंदर बैठे हैं तो भाग्य का सहयोग मिलेगा। इसके साथ पांचवीं दृष्टि से एक त्रिकोण में बैठकर दूसरे त्रिकोण में खुद के ही हाउस को देखते हैं। लाभ स्थान को भी देख रहे हैं शुक्र की राशि को भी देख रहे हैं तब ये कंट्रोल करने का कार्य करेंगे। राहू को जहां थोड़ा डेमेज हो सकते थे गुरु ने नौवीं दृष्टि से उन्हें देखकर कंट्रोल्ड एप्रोच में लेकर आए हैं। नकारात्मक स्थिति हो सकती थी, उसे बदलेंगे। व्यय स्थान को शनि भी सातवीं दृष्टि से देख रहे हैं। शिक्षा आदि क्षेत्र में स्थितियां अच्छी। पुलिस या सेना क्षेत्र में एक्जाम देना चाहते हैं, यदि मंगल की स्थिति छोड़ दें तो सूर्य अच्छी स्थिति में होने के साथ लाभ स्थान को देख रहे हैं। थोड़ी सी कोशिश में आपको बदलाव लाने पड़ेंगे तो रिजल्ट आपके पक्ष में आने तय। इन सभी क्षेत्र में जाने के लिए मेहनत की आवश्यकता अधिक। स्पोर्टस पर्सन के लिए यह महीना इतना अनुकूल नहीं कहा जा सकता। मंगल जहां बैठे हैं वो पोजीशन अच्छी नहीं है। शनि तीसरी दृष्टि से इन्हें देखने का कार्य भी कर रहे हैं। जहां पराक्रम की आवश्यकता है वहां उस स्तर के ऊपर पराक्रम फ्लाप हुआ पाते हैं। आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। अत्यधिक प्रयास को टालें तो समय अनुकूल हो सकता है। गृहस्थ में विच्छेदकारी ग्रह केतु यहां बैठे हैं। ड्रेगन टेल्स है तो इस लेवल के ऊपर परिणाम की उम्मीद नहीं कर सकते। न्यूनाधिक परेशानियां आती है। बिजनस के क्षेत्र में केतु यहां बैठकर अपनी पोजीशन को बदलते हैं कि परिणाम जो अटके हुए थे, उनमें सहायक रहेंगे। बिजनस में आप अपनी सोच के अनुसार आगे बढऩा चाहें तो अवश्य बढ़ें ये पोजीशन अच्छी है। शेयर में नया कार्य शुरू किया और प्रयास कर रहे हैं तो रुकें। कम्युनिकेशन के शेयर हों चाहे दूसरी इंडस्ट्रीज के शेयर हो कर्क राशि वालों को थोड़ा रुकना चाहिए। लम्बे समय की बचत के लिए पोजीशन अच्छी। क्योंकि गुरु लाभ स्थान के साथ राशि स्थान भी है। वाद विवाद से बचें। व्यापार की दृष्टि से गुरु भी भाग्य और लाभ के साथ राशि स्थान को सहयोग के रूप में देख रहे हैं। सूर्य भी पंचम स्थान के अंदर बैठकर शुक्र की राशि को देखेंगे यहां फलाफल में न्यूनता जरूर देंगे, लेकिन लाभ स्थान में खुद के सहयोग के साथ देखेंगे तो लाभदायक स्थिति में जा सकते हैं। एग्रीकल्चर क्षेत्र या खुद को गार्डन का शौक है तो कृष्ण पक्ष के बाद शुक्ल पक्ष की ओर जाएंगे तो चन्द्रमा मेष राशि में, जब भी राशि भी विराजित होंगे तो प्लांटेशन के लिए बड़ा अच्छा समय है। कृष्ण पक्ष की बजाय शुक्ल पक्ष के अंदर कोई भी वनस्पति, पौधा या आयुर्वेदिक औषधी लेना शुरू करते हैं तो उसके फलों के अंदर बढ़ोतरी होती है। लव अफेयर्स की दृष्टि से सूर्य पंचम स्थान के अंदर बैठकर ईगो को बढ़ाएंगे। बुध वक्री होकर उसमें वृद्धि करेंगे। जहां स्थिति को टाल सकें, शांत रह सकें संबंधों में, आप शादी करना चाहते हैं तो इस एक महीना अपने संबंधों को बड़े अच्छे से संभालें। धैर्य रखें तो परिणाम सुखद रहेगा। लिक्विडिटि हाउस के हिसाब से सूर्य यहां कर्म से जुड़े होने से लिक्विडिटि का फ्लो बढ़ेगा। शुक्र निर्णायक स्थिति में पहुंचे हुए हैं क्योंकि लाभ स्थान के अधिपति होकर चतुर्थ स्थान के अंदर सुख स्थान के अंदर आए हुए हैं। विपरीत स्थिति में भी इस स्थिति के अंदर शुक्र सुखों की अनुभूति करवाते हैं। व्हीकल्स आदि बढ़ सकते हैं। जमीन-जायदाद स्थितियां यदि किराये पर नहीं जा रही थी, तो शुक्र यहां सहायक रहेंगे। कर्म के अंदर भी आरामदायक स्थिति। मंगल की दृष्टि भी यहां कर्म स्थान पर नहीं होने से स्थिति अच्छी है। नौकरी पेशा लोगों के लिए मंगल दशमेश होकर अष्टम स्थान के अंदर शनि की राशि में आए हुए हैं और शनि तीसरी दृष्टि से इन्हें देखते हैं। नौकरी बदलना चाहते हैं और बिजनस की तरफ जाना चाहते हैं, आप रिसक लेना चाहते हैं तो पूरी जानकारी के साथ अर्थ दृष्टि से भी विचारें। आंकलन के बाद आगे बढऩे हैं तो चिंताओं को कम कर पाते हैं। चिंता कम होने पर डिप्रेशन नहीं बढ़ेगा। किसी प्रकार के दबाव के साथ आगे न बढ़े। रिस्क और पारिवारिक स्थितियों का आंकलन करें। एक महीना रुकें, फिर समय अनुकूल। 16 दिसम्बर को सूर्य अपनी पोजीशन बदल कर लेंगे और शनि के साथ में आएंगे तो पिता-पुत्र के अंदर यदि लग्न स्थान में भी ये पोजीशन बन रही है या नवमांश में ये पोजीशन है तो चाहिए कि अपने संबंधों के अंदर एक कोम्बीनेशन एप्रोच से चलें। कम्युनिकेशन गेप न बढऩे दें। होटल मैनेजमेंट, रेस्टोरेंट, टेक्सटाइल बिजनस से जुड़े लोगों के लिए यह समय सही कहा जा सकता है। नए इन्वेस्टमेंट की तरफ भी बढ़ सकते हैं। गुरु कहीं भी व्यय स्थान को नहीं देख रहे हैं, इसलिए सोच विचार कर कार्य करें। स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों का ध्यान रखें। चन्द्रमा चतुर्थ, अष्टम और द्वादश आए तब विशेष तौर पर ध्यान रखें। पराक्क्रम की दृष्टि से स्थितियां अनुकूल।

Comments

Popular Posts

22. वेद : रोग निवारण सूक्तियां

हरे कृष्ण महामंत्र की महिमा

लघु बीजात्मक दुर्गा सप्तशती