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नवरात्रि में पाएं आर्थिक समृद्धि

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही अहम माना गया है। भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है और ये सभी ऋतु परिवर्तन के संकेत होते हैं। या यूं कहें कि ये सभी ऋतु परिवर्तन के दौरान मनाए जाते हैं। सामान्यत: लोग दो ही नवरात्र के बारे में जानते हैं। इनमें पहला वासंतिक नवरात्र है, जो कि चैत्र में आता है। जबकि दूसरा शारदीय नवरात्र है, जो कि आश्विन माह में आता है। हालांकि इसके अलावा भी दो नवरात्र आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नवरात्र के बारे में कई ग्रंथों में लिखा गया है और इसका महत्व भी बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी महीनों के मुताबिक 3 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा। इन दिनों में तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है, विशेषकर धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं। धन प्रात्ति के लिए नियमपूर्वक-विधि विधान से की गई आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। नौकरी-पेशे वाले धन प्रात्ति के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना- गुप्त नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर मां की आराधना करें।  मां को लाल कपड़े में...

क्रिसमस त्यौहार

सभी धर्म ग्रंथों की सारगर्भिता में मानव जीवन के लिए मानवता और भाईचारे का संदेश मिलता है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या फिर देश-दुनिया के किसी भी धर्ममत की बात हो सभी में आपस में मिल-जुलकर मानवता की भलाई और आपसी भाईचारे का संदेश छिपा हुआ पाते हैं। ऐसे ही ईसाई धर्म में क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाता है। यह पर्व प्रति वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। क्रिसमस दुनिया के अधिकतर देशों में मनाया जाने वाला त्यौहार है। मानवता का संदेश देने वाले, प्रार्थना और क्षमा में विश्वास करने वाले एक दूत, ईश्वर के इकलौते पुत्र की याद में उनके जन्मोत्सव के रूप में इस त्यौहार को मनाया जाता है। क्रिसमस को खुशियों की सौगात देते सांता का संदेश देने वाले त्यौहार के रूप में भी पहचान बनी हुई है। सांता क्लॉज को सेंट निकोलस, फादर क्रिसमस (क्रिसमस के जनक), 'सांताÓ के नाम से जाना जाता है। पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से वे लोक कथाओं में प्रचलित एक व्यक्ति हैं। कई पश्चिमी संस्कृतियों में ऐसा माना जाता है कि सांता क्रिसमस की पूर्व संध्या, यानि 24 दिसम्बर की शाम या देर रात के समय के दौरान अच्छे बच्चों के घरों में आकर उन्हें उपहार देता है।
क्रिसमस ईसाई धर्म में विश्वास रखने वालों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार और पूरी दुनिया में मानवता की अलख जगाने वालों के लिये एक बड़े दिन के रूप में याद किया जाता है। भारत के साथ-साथ दुनिया के अधिकतर देशों में हर साल 25 दिसंबर को यह त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
प्रचलित किवंदतियों के अनुसार इस दिन ईसा मसीह यानि जीसस क्राईस्ट ने जोसेफ और मैरी के यहां जगत के कल्याण के लिये संतान के रूप में जन्म लिया। उनके जन्मोत्सव के रूप में पूरी दुनिया में ईसा के अनुयायी इसे क्रिसमस के रूप में मनाते हैं। हालांकि इस बारे में प्रमाणिक तथ्य नहीं मिलते कि ईसा का जन्म 25 दिसंबर को ही हुआ लेकिन आज पूरी दुनिया में 25 दिसंबर को क्रिसमस और भारत में क्रिसमस के साथ-साथ बड़े दिन के रूप में इसे मनाया जाता है। ईसाइयों में तो इस त्यौहार का महत्व और खुशी उतनी ही होती है जितनी अन्य धर्मों के त्यौहारों जैसे दीवाली, ईद आदि में देखी जा सकती है।

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