व्रत : फायदे और सावधानियां
हिन्दू धर्म में हर महीने अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा-उपासना के साथ ही व्रत-उपवास का भी खास महत्व होता है। व्रत-उपवास जहां धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी लाभदायक होते हैं। व्रत रखने के पीछे अक्सर धार्मिक, आध्यात्मिक या संस्कृति वजहें होती हैं, लेकिन इसके साथ ही काफी अहम है और वह है सेहत। व्रत अगर ढंग से रखा जाए तो यह सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होता है, लेकिन अगर व्रत ठीक से ना रखा जाए तो यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में सही तरीके से व्रत रखना बहुत जरूरी है।
व्रत रखने के फायदे
वजन कम होना- व्रत रखने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन निकलते हैं, जो फैटी टिश्यूज को तोडऩे में मदद करते हैं, यानी आपका वजन कम हो सकता है।
शरीर का शुद्धिकरण- व्रत रखने से शरीर शुद्ध होता है। शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं, बशर्ते आप व्रत के दौरान फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।
पाचन बेहतर होना- आयुर्वेद के अनुसार, व्रत रखने से शरीर में जठराग्नि बढ़ती है। इससे पाचन बेहतर होता है। इससे गैस की समस्या भी दूर होती है।
नर्वस सिस्टम बेहतर होना- व्रत हमारे शरीर को हल्का रखता है। हल्के शरीर से मन भी हल्का रहता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। व्रत पूरी सेहत पर सकारात्मक असर डालता है।
व्रत में सावधानियां
* अगर कोई चीज जरूरत से ज्यादा की जाए तो उससे नुकसान होना तय है। लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पीए रहने से इम्यून सिस्टम को नुकसान हो सकता है।
* अगर व्रत के दौरान बहुत लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहेंगे तो लिवर और किडनी को भी नुकसान हो सकता है।
* डायबीटीज, किडनी, कैंसर और पेशाब की समस्या से पीडि़त मरीजों को व्रत रखने से ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
* व्रत के दौरान बहुत कम खाना खाने से पेट में एसिड बनना कम हो सकता है। यही एसिड खाना पचाने और बुरे बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है।
* व्रत रखने की यों तो कोई खास उम्र नहीं होती, लेकिन 15 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को व्रत नहीं रखना चाहिए। छोटे बच्चों में मेटाबॉलिक रेट काफी ज्यादा होता है और बुजुर्गों में काफी कम। ऐसे में वक्त पर ढंग से खाना न खाने से इन लोगों में हाइपोग्लाइसिमिक अटैक हो सकता है।
* डायबीटिज, ब्लड प्रेशर, किडनी या किसी बीमारी से ग्रसित मरीज व्रत न रखें। व्रत रखने पर वे हाइपोग्लाइसीमिया का शिकार हो सकते हैं।
* बेहतर है कि हर 3-4 घंटे में दूध, छाछ, दही या फल आदि लें। लंबे समय तक भूखे रहने से जरूर बचें।
* व्रत के दौरान दिन भर में 8-10 गिलास पानी और तरल चीजें लें ताकि डी-हाइड्रेशन का खतरा न हो।
व्रत रखने का सही तरीका
* व्रत के दौरान हर 2-3 घंटे में कुछ हेल्दी चीजें मसलन फल, दूध, छाछ आदि लेते रहें।
* व्रत के दौरान दवा बिल्कुल न छोड़ें, चाहे बीमारी छोटी हो या बड़ी।
* व्रत के दौरान बहुत ज्यादा तला-भुना या मसालेदार न खाएं।
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