5 अप्रैल चैत्र अमावस्या को सुख-समृद्धि के लिए करे सरल उपाय
अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह का अंतिम दिन होता है। यह तिथि पितरों की तिथि कहलाती है। तंत्र व ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि का अत्यधिक महत्व होता है। इस तिथि पर चंद्र उदित नहीं होता अर्थात चन्द्र दिखाई नहीं देता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन दान व उपाय करने से पितृ दोष, छाया दोष, मानसिक समस्यायें आदि दूर होती हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार अनेक तांत्रिक क्रियाओं हेतु अमावस्या श्रेष्ट मानी गई है। मारण मोहन, भूत-प्रेत दोष शांति कर्म, अनेक सिद्धियां आदि अमावस्या को प्राप्त की जाती है। अमावस्या के दिन किये जाने वाले कुछ सहज-सरल-सुलभ कार्यो को करने से आसानी से आप अनेक समस्याओं से निजात पा सकते हो।
1- अमावस्या के दिन पितरों के निमित दान करना चाहिये जिससे की सूर्य, चंद्र आदि के दोष दूर होते हैं। भोजन से पूर्व गाय, कुत्ता और पक्षी हेतु भोजन का कुछ अंश निकाल कर इन्हे खिला दें। यह उपाय रोजगार प्राप्ती हेतु भी किया जा सकता है।
2- एक सूखा नारियल लें तथा उसमे एक छोटा सा छेद करके उसे भूरे से भर दें, उसके पश्चात किसी निर्जन स्थान पर जहां चिंटियों की बॉम्बी बनी हो वहां पर गाढ़ दे। बस ध्यान दें की नारियल पर किया गया छेद धरती के ऊपर ही रहें। यह प्रयोग अनेक आपतियों से बचाता है। प्रयोग करने के बाद वापिस मुड कर न देखें। धन समृद्धि व प्रसन्नता हेतु यह प्रयोग किया जाना चाहिये।
3- घर में पूरी तरह से साफ सफाई करें तथा चारों कोनों में गंगाजल का छिड़काव करें। इसके अतिरिक्त पुराने कपड़े, घर का खराब समान, अनुपयोगी वस्तुयें आदि घर से बाहर निकाल दें।
4- अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करना अति उत्तम होता है।
5- मछुआरों से या मछली का कार्य करने वालों से दो जिंदा मछलियों को लें तथा उन्हे किसी नदी अथवा तलाब में छोड दें। यह राहु व केतु का एक चमत्कारी उपाय है। दुर्घटना, बीमारी अथवा किसी प्रकार के कष्ट की सम्भावना हो तो ये उपाय करें। इसके अतिरिक्त धन प्राप्ती हेतु भी यह उपाय करना चाहिये।
6- नजर दोष से परेशान हो तो अमावस्या के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें। ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें।
7- अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती हैं। इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए।
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