सर्वग्रह पीड़ा निवारक उपाय
जिस भी जातक को किसी विशेष ग्रह जैसे गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु जैसे ग्रह से पीड़ा-बाधा महसूस हो रही हो तो उसे उसके निवारण के लिए उसी तदनुरूप उपाय करने से बाधाओं का निवारण होकर सुखी-समृद्धि की ओर अग्रसर होने लगता है।
गुरु-
- व्यक्ति को अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए।
- सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए।
- मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर नि:शुल्क सेवा करनी चाहिए।
- किसी भी मन्दिर के सम्मुख से निकलने पर अपना सिर श्रद्धा से झुकाना चाहिए।
- परस्त्री/परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए।
- गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए।
- गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए।
- गुरु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु गुरुवार का दिन, गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
शुक्र-
- काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।
- शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।
- किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।
- किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय 10 वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए।
- अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए।
- किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।
- शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए।
- शुक्र के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
शनि-
- शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ।
- शनिवार के दिन लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।
- शनिवार के दिन बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए।
- भड्डरी को कड़वे तेल का दान करना चाहिए।
- भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए।
- किसी दु:खी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए।
- घर में काला पत्थर लगवाना चाहिए।
- शनि के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
राहु-
- ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
- हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए।
- अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है।
- जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।
- दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए।
- यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रात:काल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए।
- झुठी कसम नहीं खानी चाहिए।
- राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र (आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
केतु-
- भिखारी को दो रंग का कम्बल दान देना चाहिए।
- नारियल में मेवा भरकर भूमि में दबाना चाहिए।
- बकरी को हरा चारा खिलाना चाहिए।
- ऊँचाई से गिरते हुए जल में स्नान करना चाहिए।
- घर में दो रंग का पत्थर लगवाना चाहिए।
- चारपाई के नीचे कोई भारी पत्थर रखना चाहिए।
- किसी पवित्र नदी या सरोवर का जल अपने घर में लाकर रखना चाहिए।
- केतु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु मंगलवार का दिन, केतु के नक्षत्र (अश्विनी, मघा) शुभ होते हैं।
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