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नवरात्रि में पाएं आर्थिक समृद्धि

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही अहम माना गया है। भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है और ये सभी ऋतु परिवर्तन के संकेत होते हैं। या यूं कहें कि ये सभी ऋतु परिवर्तन के दौरान मनाए जाते हैं। सामान्यत: लोग दो ही नवरात्र के बारे में जानते हैं। इनमें पहला वासंतिक नवरात्र है, जो कि चैत्र में आता है। जबकि दूसरा शारदीय नवरात्र है, जो कि आश्विन माह में आता है। हालांकि इसके अलावा भी दो नवरात्र आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नवरात्र के बारे में कई ग्रंथों में लिखा गया है और इसका महत्व भी बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी महीनों के मुताबिक 3 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा। इन दिनों में तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है, विशेषकर धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं। धन प्रात्ति के लिए नियमपूर्वक-विधि विधान से की गई आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। नौकरी-पेशे वाले धन प्रात्ति के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना- गुप्त नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर मां की आराधना करें।  मां को लाल कपड़े में...

अक्षय तृतीया पर करें मनोकामना की पूर्ति

अक्षय तृतीया, जैसा कि नाम से ही विदित होता है कि अक्षय यानि जिसका कोई अंत नहीं हो। ऐसे तिथि विशेष पर छोटे-छोटे प्रयोग यानि व्रत, दान-पुण्य और मंत्र जाप जैसे कार्य कर लिए जाएं तो जीवन में आ रही तकलीफ बाधाओं से मुक्ति पाई जा सकती है। अक्षय तृतीया मनोकामना पूर्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ और अनुकूल तिथि कही जा सकती है।
अगर जातकों के कार्यो में अड़चनें आ रही हैं, अथवा जिनके व्यापार में लगातार हानि हो रही है या अधिक परिश्रम के बावजूद धन नहीं टिकता है और घर में अशांति बनी रहती है अथवा संतान मनोकूल कार्य ना करें तथा विरोधी चहुंओर से परेशान कर रहे हों और जिन महिलाओं के वैवाहिक सुख में तनाव या अवसाद की स्थिति बनी रहती है, तो ऐसे में अक्षय तृतीया का व्रत रख कर और गर्मी में निम्न वस्तुओं जैसे- छाता, दही, जूता-चप्पल, जल का घड़ा, सत्तू, खरबूजा, तरबूज, बेल का शरबत, मीठा जल, हाथवाले पंखे, टोपी, सुराही आदि का दान करने से उपरोक्त समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
अक्षय तृतीया पर उपाय अंतहीन
- आखातीज पर ऋण से मुक्ति हेतु 'कनकधारा यंत्र' की लाल वस्त्र पर पूजा कर घर में स्थापना करें। पंचोपचार से पूजा करें। 51 दिनों तक श्रद्धा से यंत्र का पाठ करें। धीरे-धीरे ऋण कैसे उतर गया, यह पता भी नहीं चलेगा।
- आकस्मिक धन प्राप्ति हेतु अक्षय तृतीया से प्रारंभ करते हुए माता लक्ष्मी के मंदिर में हर शुक्रवार धूपबत्ती व गुलाब की अगरबत्ती दान करने से जीवन में अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
- वास्तुदोष से यदि आर्थिक समृद्धि रुकी हो, तो ढक्कन सहित एक चांदी की डिबिया में गंगाजल भर दें। डिब्बी पर मौली के साथ एक मूंगा बांध दें। अक्षय तृतीया को इसे ईशान-कोण में स्थापित कर दें। आर्थिक समृद्धि मिलने लगेगी। सभी प्रकार का नुकसान खत्म हो जायेगा।
- धनधान्य में श्रीवृद्धि हेतु अक्षय तृतीया को एक मुट्ठी बासमती चावल श्री महालक्ष्मी का ध्यान व श्री मंत्र का जाप करते हुए बहते जल में प्रवाहित कर दें। आश्चर्यजनक लाभ होगा।
- धन की विशेष प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया को स्वर्ण में जडि़त चौदहमुखी रुद्राक्ष का प्रथम पंचोपचार से पूजन करें। लाल फूल अर्पित करें। रुद्राक्ष की माला से ऊँ हृीं नम: मम गृहे धनं कुरु  कुरु  स्वाहा की एक माला का जाप करें। 42 दिन तक जप करें। तत्पश्चात रुद्राक्ष को गले में धारण कर लें।
- इस दिन समुद्र या गंगा अथवा किसी अन्य नदी में स्नान करना चाहिए।
- प्रात: पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल व वस्त्र आदि दान करके ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। फिर उसे दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए।
- इस दिन व्यक्ति को सत्तू अवश्य खाना चाहिए।
- इस दिन नये वस्त्र, शस्त्र, आभूषणादि बनवाना या धारण करना चाहिए।
- अक्षय तृतीया को सुबह जल्दी उठ कर नित्य कार्यो से निबट कर तांबे के बर्तन में शुद्ध जल लेकर भगवान सूर्य को पूर्व की ओर मुख करके चढ़ायें तथा इस मंत्र का जप करें-
ऊँ भास्कराय विग्रहे महातेजाय धीमहि, तन्नो सूर्य: प्रचोदयात
प्रत्येक दिन सात बार यह प्रक्रिया दोहरायें। कुछ ही दिनों में आपका भाग्य चमक उठेगा। यदि यह उपाय सूर्योदय के एक घंटे के भीतर किया जाये, तो और भी शीघ्र फल देता है।
अगर नहीं हो रही शादी- ज्यादातर माता-पिता व युवाओं की अहम समस्या है सही समय पर शादी। आधुनिकता की दौड़ में युवा अपने कॅरियर को लेकर इतने व्यस्त रहते हैं कि उनकी शादी की सही आयु कब निकल जाती है, उन्हें पता भी नहीं चलता। ऐसे में कई लोगों का विवाह होना मुश्किल हो जाता है। यहां एक अचूक प्रयोग बता रहे हैं, जिससे अविवाहित युवाओं की विवाह संबंधी समस्या का त्वरित निराकरण हो जायेगा। यह प्रयोग लड़के व लड़कियों दोनों द्वारा किया जा सकता है।
विधि- इस प्रयोग को अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए।
- यह प्रयोग रात के समय किया जाना चाहिए।
- आप एक बाजोट (ऊंचा आसन या चौकी) / पटिये पर पीला कपड़ा बिछाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जायें।
-  मां पार्वती का चित्र अपने सामने रखें।
- अपने सामने बाजोट पर एक मुट्ठी गेहूं की ढेरी रखें।
- गेहूं पर एक विवाह बाधा निवारण यंत्र स्थापित करें और चंदन अथवा केसर से तिलक करें।
उक्त पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बाद हल्दी माला से निम्न मंत्र का जप करें-
लड़कों के लिए मंत्र-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीं
तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवां

लड़कियों के लिए मंत्र-
'ऊँ गं घ्रौ गं शीघ्र विवाह सिद्धये गौर्यै फट्
उक्त मंत्र से चार दिनों तक नित्य 3-3 माला का जप करें। अंतिम दिन इस सामग्री को देवी पार्वती के श्रीचरणों में किसी भी मंदिर में छोड़ आयें। शीघ्र ही आपका विवाह हो जायेगा। यह प्रयोग पूरी श्रद्धा व भक्ति से करें। यह सिद्ध प्रयोग है, अतएव मन में कोई संदेह ना लायें अन्यथा उपाय का प्रभाव खत्म हो जायेगा।
हिंदू धर्मशास्त्रों में अक्षय तृतीया तिथि से जुड़े रोचक तथ्य- भारतीय कालगणना के अनुसार वर्ष में चार स्वयंसिद्ध अभिजीत मुहूर्त होते हैं, अक्षय तृतीया या आखा तीज भी उन्हीं में से एक है। इसके अलावा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (गुड़ी पड़वा), दशहरा व दीपावली के पूर्व की प्रदोष तिथि भी अभिजीत मुहूर्त हैं। वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त हैं। उनमें प्रमुख स्थान अक्षय तृतीया का होता है।
- इस दिन शुभ एवं पवित्र कार्य करने से जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है।

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