ग्रहों में दोष हो तो करें ये उपाय
कहते-सुनते आए हैं कि अगर मकान की नींव मजबूत होगी तो कंगूरा मजबूत बना रहेगा। ऐसे जीवन में ग्रहों की स्थितियां अनुकूल हो तभी जीवन में खुशियों की सौगात मिलती है। अगर कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा और दिशा बेहतर हो तो यकीनन इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी और आपकी दिनचर्या पर पड़ता है। ज्योतिष के जानकार तो यही मानते हैं कि अगर ग्रह मजबूत होंगे और ग्रहों में कोई दोष नहीं होगा तो जिंदगी में खुशियां ही खुशियां आ जाएंगी। लेकिन ग्रहों की कमजोर स्थिति या ग्रहों में दोष आपको परेशानी के भंवर में उलझा सकता है। अगर आपकी कुंडली में मौजूद किसी भी ग्रह में कोई दोष है या फिर कोई ग्रह विशेष पीड़ा दे रहा है तो अब आपको घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। 9 ग्रहों को मजबूत करने के यहां कुछ कल्याणकारी मंत्र आपको बताए जा रहे हैं, जिनसे आप दिनचर्या में अपनाकर जीवन में सुख-समृद्धि पा सकते हैं।
सूर्य- यह ग्रहों का राजा और व्यक्ति की आत्मा है। सूर्य की कमजोरी से अपयश, ह्रदय रोग और हड्डियों की समस्या होती है। सूर्य को मजबूत बनाये रखने और कृपा पाने के लिए प्रात: या दोपहर में सूर्य के मंत्र की एक माला जाप करें। मंत्र है- ऊँ आदित्याय नम:। मंत्र का जाप रुद्राक्ष या लाल चन्दन की माला से करें।
चन्द्रमा- नौ ग्रहों में चंद्रमा को शीतलता और मन से जोड़ा जाता है इसलिए चंद्रमा की कृपा पाना जरूरी है। कहा भी गया है चन्द्रमा मनसो जात:। यह ग्रहों का दूसरा राजा या रानी है। चन्द्रमा के कमजोर होने पर मानसिक रोग और अस्थमा की समस्या होती है। चंद्रमा में दोष हो तो रक्त की समस्याएँ काफी होती हैं। रात को मोती या शंख की माला से चन्द्रमा के मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- ऊँ सों सोमाय नम:। मंत्र जाप मोती या शंख की माला से करें।
मंगल- ग्रहों में मंगल को सेनापति माना जाता है। मंगल दोष, अगंकारक योग या नीचस्थ मंगल जैसी समस्याओं का कारक ग्रह मंगल ही है। जीवन में तरक्की और शांति पाने के लिए मंगल का बलवान होना जरूरी है। यह ग्रहों का सेनापति और व्यक्ति का साहस है। मंगल के कमजोर होने पर भय, संपत्ति, दुर्घटना हो सकती है। कारावास और रिश्तों की समस्या मंगल से ही होती है। मंगल की मजबूती के लिए दोपहर या प्रात: काल मंगल के मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ऊँ अं अंगारकाय नम:। मंत्र जाप मूंगे या लाल चन्दन की माला से करें। ज्योतिष की अगर मानें तो मंगल आपको अर्श से फर्श पर और फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता है इसलिए मंगल की कृपा पाने के लिए मंगल के मंत्र का जाप करें।
बुध- ग्रहों का राजकुमार है बुध और व्यक्ति की वाणी और बुद्धि है। बुध के कमजोर होने पर बुद्धि, कान-नाक-गला, त्वचा और वाणी की समस्या होती है। बुध को दुरुस्त करने के लिए प्रात:काल बुध के मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ऊँ बुं बुधाय नम:। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
बृहस्पति- बृहस्पति ग्रहों का गुरु और मंत्री है। इसी से व्यक्ति का धर्म और सात्विकता है। बृहस्पति के कमजोर होने पर मोटापा, अहंकार और पेट की समस्या होती है। बृहस्पति कमजोर हो तो अधर्म का मार्ग मिलता है। बृहस्पति की मजबूती के लिए प्रात: काल बृहस्पति के मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ऊँ बृं बृहस्पतये नम:। मंत्र जाप हल्दी की या रुद्राक्ष की माला से करें।
शुक्र- ये ग्रहों का मंत्री है, व्यक्ति के सुख के पीछे यही ग्रह होता है। अगर शुक्र कमजोर हो तो पारिवारिक और किसी भी प्रकार का सुख नहीं मिलता। शुक्र की मजबूती के लिए सुबह या रात में शुक्र के मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ऊँ शुं शुक्राय नम:। मंत्र जाप स्फटिक की या सफेद चन्दन की माला से करें।
शनि- ग्रहों का सेवक है, व्यक्ति के कर्म का फल प्रदान करता है। अगर शनि कमजोर हो तो व्यक्ति को रोजगार की समस्या होती है। हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ता है। शनि की समस्याओं से निपटने के लिए शनि मंत्र का जाप संध्या समय में करें। मंत्र है- ऊँ शं शनैश्चराय नम:। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। राहु और केतु व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालते हैं। राहु-केतु अगर बुरे प्रभाव दें तो मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान हो सकता है, गलतफहमियां पैदा होती हैं। आपसी तालमेल में कमी आती है। वाहन दुर्घटना हो सकती है, अपयश का सामना करना पड़ सकता है। किडनी संबंधी रोग हो जाता है। शत्रुओं से मुश्किलें बढऩे की संभावना रहती है।
राहु-केतु- कुष्ठ रोगियों की सेवा और दवाओं का दान करें। रोज स्नान करें, सुबह खाली पेट तुलसी के दो पत्ते खाएं। सप्ताह में एक दिन धर्म स्थान या मंदिर जरूर जाएँ। जूते चप्पल साफ रखें। राहु को नियंत्रित करने के लिए राहु के मंत्र का जाप रात्रि में करें। मंत्र है - ऊँ रां राहवे नम:। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
केतु- केतु को नियंत्रित करने के लिए केतु के मन्त्र का जाप रात्रि में करें। मंत्र है- ऊँ कें केतवे नम:। मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
ऊपर ग्रहों जनित समस्याओं का जिक्र बताया गया है उसके अनुसार जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को ध्यान में रखकर और जिस समस्या से दो-चार होना पड़ता हो तो उपरोक्त बताए अनुसार मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। जिससे जीवन में आने वाली बाधाओं का निराकरण होता दिखाई देगा और सुखी और जीवन को आसान और बेहतर बना सकते हैं।
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