
धनु राशि वाले जातकों के लिए मार्ग शीर्ष मास में मिलने वाले फलाफल पर एक जानकारी। गोचरीय व्यवस्था में मन के कारक चन्द्रमा, जो कि यहां पर अष्टम स्थान के स्वामी होते हैं, यदि धनु राशि वालों के लिए 24 नवम्बर को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि की ओर गमन करेंगे। किन्तु हमारे लिए उन स्थितियों को बदल कर दिखाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए चन्द्रमा प्रतीकात्मक तौर पर राशि स्थान में ही विराजित है। शनि यहां लम्बे समय से गुरु की राशि में विराजित है और धनु राशि वालों के लिए राशि स्थान में ही शनि विराजित। केतु ने मकर का स्थान ले रखा है, लम्बे समय तक रहेंगे। राहू कर्क राशि में चन्द्रमा की राशि के अंदर विराजित अष्टम स्थान के अंदर। मंगल मकर राशि उच्चस्थ स्थितियों से निकले विखंडित हुए जहां के कारकाधिपति होते हैं वहीं पर विराजित। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि में है। शनि तीसरी दृष्टि से अपने ही भाव को देखने का कार्य कर रहे हैं। जहां के कारकाधिपति भी हुए और भावधिपति भी हुए। तीसरी दृष्टि से देखने का कार्य कर रहे हैं। बुध 6 दिसम्बर तक वक्री स्थितियों में रहेंगे। शुक्र मार्गी हो चुके 16 नवम्बर को, पहले अस्तगत थे उसके बाद में वक्री स्थितियों से निकलकर 16 नवम्बर को ही मार्गी हो गए। सूर्य नीचस्थ स्थितियों से आगे निकले और मंगल की राशि में वृश्चिक राशि में प्रवेश कर गए जहां पर 11 अक्टूबर को आए गुरु पहले से विराजित है। जैसे ही सूर्य का आवरणीय प्रभाव क्षेत्र आया गुरु अस्तगत हो गए। 7 दिसम्बर तक गुरु अस्तगत रहेंगे। सूर्य फिर से अपनी स्थितियों में परिवर्तित करेंगे 16 दिसम्बर को ही शनि को अस्तगत करने का कार्य करेंगे अपने ही पुत्र किन्तु प्रकृति विपरीत ग्रह को अस्तगत करने का कार्य करेंगे। 18 जनवरी तक यही स्थितियां सामने रहेगी। नौकरी पेशा लोगों के लिए दशमेश होकर बुध व्यय स्थान के अंदर विराजित हैं। कर्मेश व्यय स्थान के अंदर विराजित है। इस स्थिति को ज्यादा सुदृढ़ नहीं कहा जा सकता। इसके साथ मंगल भी आठवीं दृष्टि से दशम स्थान को ही देखने का कार्य कर रहे हैं। भाग्य में भी कहीं न कहीं न्यूनता लाने का कार्य करेंगे मंगल। किन्तु यहां पर दूसरी स्थिति देखते हैं नवमेश होकर कोई भी ग्रह व्यय स्थान के अंदर चला जाता है तो जब भाग्य का व्यय होता है, भाग्य बिखरता है तो लगातार स्थितियां भाग्य के हिसाब से हमारे लिए सुदृढ़ होती है। दृष्टि संबंध यहां दूसरी बात है। प्रथमतया रोल निभाया सूर्य ने और सूर्य वैसे भी सेनापति की राशि के अंदर विराजित, जो कि हमेशा सामने एग्रेसिव एप्रोच के साथ में ही चलने का काम करते हैं। इनके अंश की बात की जाए तो शुरुआती स्तर पर है। 7 दिसम्बर के बाद 16 दिसम्बर तक यदि आप किसी भी सर्विस चेंज के लिए जाना चाहते हैं तो समय आपके लिए अनुकूल कहा जा सकता है। पहले से जॉब में है, प्रमोशन बाकी है तो इस महीने भी निराशाओं की तरफ ही रहेंगे। 22 दिसम्बर को जैसे ही स्थितियां बदलेगी उसके बाद में प्रमोशन आदि की चासेंज अच्छे से दिखाई देंगे। व्यर्थ की मेहनत करनी पड़े वहां से हटें और अपनी दिशा परिवर्तित करें क्योंकि कर्मेश व्यय स्थान के अंदर है। मंगल की राशि के अंदर भी है। दोनों स्थितियां अच्छी नहीं कही जा सकती। व्यापार में व्यर्थ के खर्चे सामने दिखाई दे रहे हैं। सप्तमेश और व्यापार स्थान के मालिक होकर बुध वही स्थिति बनाई और व्यय स्थान के अंदर विराजित है। भले ही वाणिज्य के अधिपति हो जाते हैं बुध। किन्तु व्यय स्थान के अंदर बैठेंगे और इस स्थिति में होंगे तो इसको व्यापार के हिसाब से इतना फलदायी नहीं कहा जा सकता। इन्वेस्टमेंट करते हैं तो अच्छे से करें, लेकिन इस एक महीने वापसी की उम्मीद मत कीजिये। जहां उम्मीद कम होगी वहां हैप्पीनेस बढ़ती चली जाएगी। लिक्विडिटि के रोटेशन के हिसाब से केतु यहां बैठ गए हैं। इतने अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। लग्न स्थान में केतु अकेले विराजित हो जाए और जब भी दशा में अंतरदशा यानि कि गजदशा केतु की है उसके अंतरदशा निकल गई तो सारे परिणाम बेहद शानदार रहेंगे। किन्तु लिक्विडिटि में इतना सपोर्ट नहीं करते हैं। कुटुम्ब के स्थान में भी बैठे हुए हैं और वाणी के स्थान में भी बैठे हुए हैं वहां से बिगाड़ करने का कार्य करते हैं। राहू इनसे साथ होते ही हैं वही कुटुम्ब के स्थान को देखा तो स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती। लिक्विडिटि हाउस के अधिपति होकर शनि द्वादश आ गए हैं। इस स्थिति को भी अच्छा नहीं कहा जा सकता। व्यर्थ का पराक्रम बढ़ेगा जो कि स्थिति आपके सामने स्पष्ट तौर पर दृष्टिगोचर हो रही है। इससे भी बचना चाहिए। पहले से ही व्यापार में अच्छे से चल रहे हैं और थोड़ी बहुत जमाव है तो कोई दिक्कत नहीं। इस एक महीने में क्रमबद्ध तरीके से चलते रहिये। उसके बाद सामंजस्य सामने आएंगे उसके साथ रफ्तार बढ़ाएं। सुखेश व्यय स्थान के अंदर चले गए हैं। लेकिन व्यय स्थान में पांचवीं दृष्टि से सुख स्थान को ही गुरु देखने का कार्य कर रहे हैं। सूर्य के साथ आए, अस्तगत जरूर हुए, लेकिन साथ में 7 दिसम्बर को इस स्थिति से निकलेंगे। लम्बे समय से अटकी सुख-सुविधा की तरफ भी जा पाएंगे। खिलाडिय़ों के लिए समय अच्छा। पंचमेश होकर मंगल यहां पराक्रम स्थान के अंदर 3-11 का संबंध बनाते हुए आ गए हैं। साथ में तीसरी दृष्टि से शनि भी इनको देखने का कार्य कर रहे हैं। दृढ़ता देंगे। चोटिल होने की संभावनाएं बहुत कम रहेगी। सलेक्शन अटका हुआ था, एक परफोर्मेंस क्लिक कर जाएं, किसी भी फील्ड से जुड़े हों, आगे बढ़ सकते हैं। यदि शुक्र की बात की जाए, शुक्र भले ही यहां देखने के लिए लाभ स्थान में स्वराशिस्थ है, किन्तु षष्टेश है और षष्टेश होने के साथ में षष्टाषष्ट भी है। रोग स्थान की बात की जाए तो 1, 2, 3, 4, 5, 6 हो गए इसी तरह सप्तम, अष्टम, नवम, पंचम की स्थितियां भी देखते हैं। ऐसे ग्रह अपनी ग्रहजनित व्यवस्थाओं को बिगाडऩे का कार्य कर रहे हैं। यूरिन रोग से पीडि़त हैं, ध्यान रखें। उदर संबंधी रोग भी है तो उसका भी ध्यान रखें। रोग की दृष्टि से द्वादश में सूर्य सेनापति की राशि के अंदर विराजित। बुध यहां शत्रु क्षेत्री विराजिय और गुरु के साथ में भी इनकी शत्रुता ही है। ये स्थिति अलग। बुद्धिादित्य जरूर बन रहा है लेकिन वो भी सांकेतिक तौर पर अस्तगत स्थिति में। नेगेटिवली व्यक्ति बढ़ा, शैय्या सुख का स्थान है सूर्य जैसे प्रखर ग्रह अच्छे परिणाम नहीं, सातवीं दृष्टि से रोग स्थान को देख रहे हैं। अनिद्रा यदि एक बार पनप गई तो दिक्कतें और परेशानी बढ़ती जाएगी। यूथ ऐज में ऐसी दिक्कत आ जाए तो समाधान करें। मानसिक और फिजिकल फिटनेस से आगे बढ़ें। खुद को इतना थकाएं कि कुछ सोचने का मौका नहीं मिले, निद्रा पलक झपकते ही आ जाए। अनिद्रा की स्थितियों से जूझना पड़ सकता है। क्योंकि तापीय राशि में गुरु बैठे हैं और सातवीं दृष्टि से इसी हाउस को देखने का कार्य कर रहे हैं। सावधानी बनाए रखें। अष्टम स्थान के अंदर राहू अभी लम्बे समय तक विराजित रहेंगे किन्तु गुरु एक कंट्रोल्ड एप्रोच में इनके साथ में आ रहे हैं 11 अक्टूबर के बाद से नौवीं दृष्टि से इनको देखने का कार्य कर रहे हैं। इसलिए हिडेन प्रोबलम्स राहू के द्वारा उजागर हो सकती थी उन्हें भी दबाने की चेष्टा के अंदर गुरु ने अपना कार्य किया। गर्भवती महिलाओं के लिए समय अच्छा है। शुक्र जैसे सौम्यग्रह यहां देखने का कार्य कर रहे हैं, स्थिति अच्छी। शिक्षा की दृष्टि से शुक्र यहां सातवीं दृष्टि से देखने का कार्य करेंगे। सौम्यता बढ़ाने का कार्य करेंगे। एकाग्रता में वृद्धि होगी। मंगल यहां बैठकर एकाग्रता का हनन कर सकते थे, क्योंकि शनि की मूल त्रिकोण राशि में बैठे हुए हैं और शनि तीसरी दृष्टि से देखने का कार्य कर रहे हैं तो वहां भी वृद्धि ही होगी। इस महीने यदि आप कोई भी ग्रेजएशन की स्थिति को क्लियरिटी की ओर जा चुके हैं, जॉब के इंतजार में है, तो ये संभावनाएं आपकी सुदृढ़ बनती नजर आती है। अन्यत्र जॉब के लिए तो नहीं, नई जॉब की स्थिति अच्छी बनी हुई है। सूर्य सेनापति की राशि के अंदर आकर आपके पराक्रम को और अधिक बढ़ाने का ही काम करेंगे। लव अफेयर्स के हिसाब से भी इस स्थिति को में पंचमेश पराक्रम स्थान के अंदर चले गए हैं। मंगल जैसे ग्रह जाएंगे तो एग्रेसिवनेस दिखाएंगे। रिलेशन के अंदर डोमिनेट करने वाली पोजीशन में लाएंगे। रिलेशन में पराक्रम की आवश्यकता नहीं होती। सामंजस्य-स्नेह की आवश्यकता होती है। धैर्य से आगे बढ़े तब भी ठीक रहेगा यदि व्यर्थ का क्रोध किया तो रिश्ता आपके हाथ से जा सकता है। समय इतना अनुकूल नहीं, ध्यान रखें। गृहस्थ में भी न्यूनाधिक चिंताएं बनी हुई रहेगी। लव अफेयर्स में निरर्थक खर्च होंगे, किन्तु गृहस्थ में जहां पर निरर्थक खर्चे हुए तो थोड़ी बहुत कटुता आने लगती है। निरर्थक खर्चों से बचें। सामंजस्य स्थापित करके चलें। मनमुटाव हुआ भी है तो एक तरफ से शांति बनाए रखें तो रिश्ता आगे बढ़ सकता है।
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