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नवरात्रि में पाएं आर्थिक समृद्धि

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही अहम माना गया है। भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है और ये सभी ऋतु परिवर्तन के संकेत होते हैं। या यूं कहें कि ये सभी ऋतु परिवर्तन के दौरान मनाए जाते हैं। सामान्यत: लोग दो ही नवरात्र के बारे में जानते हैं। इनमें पहला वासंतिक नवरात्र है, जो कि चैत्र में आता है। जबकि दूसरा शारदीय नवरात्र है, जो कि आश्विन माह में आता है। हालांकि इसके अलावा भी दो नवरात्र आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नवरात्र के बारे में कई ग्रंथों में लिखा गया है और इसका महत्व भी बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी महीनों के मुताबिक 3 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा। इन दिनों में तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है, विशेषकर धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं। धन प्रात्ति के लिए नियमपूर्वक-विधि विधान से की गई आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। नौकरी-पेशे वाले धन प्रात्ति के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना- गुप्त नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर मां की आराधना करें।  मां को लाल कपड़े में...

6 नवम्बर को मंगल का कुंभ राशि में प्रवेश

6 नवम्बर, 2018 को भूमिसूत मंगल उच्चस्थ स्थिति यानि कि मकर राशि से निकलकर शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। यदि पंचांगीय भाषा की बात की जाए तो वहां लिखा होता है कुंभे भौम। भौम कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिनका नाम भूमिसूत भी है, अंगारक भी है, कुंज भी है। इसके साथ में ये ग्रहों के सेनापति होकर तापीय दृष्टि प्रदान करने वाले हैं। जहां खड़े हो गए, वहां सिर्फ और सिर्फ पराक्रम दिखाने का ही कार्य करते हैं ये स्थिति होती है भूमिसूत की। मैं जब भी मासिक राशि फल लेता हूं तो इसके समग्र चर्चा आप सभी के समक्ष रख चुका होता हूं कि किस-किस हिसाब की पोजीशन्स चेंज हो रही है। ग्रह-गोचर कैसे अपनी स्थितियां परिवर्तित कर रहे हैं, लेकिन जब मंगल कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं तो एक मोटामोटी चर्चा कर लेना अतिआवश्यक है। मासिक राशि फल के बिना भी मैं जब भी इन ग्रहों के संचरण की बात करता हूं यानि कि परिवर्तन की ट्रांजेशन चेंज की बात करता हूं तो इसका आधार होता है मून साइन। आपकी चन्द्र कुंडली ही इसका आधार होती है। लग्न कुंडली वो है जब आपका जन्म समय, जन्म स्थान और इसके साथ में जन्म तारीख के माध्यम से जो हमारे सामने एक फोटोग्राफ आया है वो है लग्न कुंडली। अब इसके बाद में चन्द्रमा जहां भी विराजित हैं उन 12 भावों में से जो भी राशि है उसे हम चन्द्रमा के अनुसार राशि मान लेते हैं। लग्न कुंडली अलग है और राशि बिलकुल अलग है। राशि यानि कि जिसे इंगलिश में हम मून साइन भी कह देते हैं। राशि यानि मन की स्थितियों का एक तरह से आंकलन। उसी के माध्यम से हम गोचर की गणना भी करते हैं कि राशि में किस हिसाब की स्थितियां परिवर्तित हो रही है। हम सभी के सामने यह प्रश्न बार-बार खड़ा होता है कि गोचर का परिवर्तन कितना प्रभाव डालता है, लग्न कुंडली क्या प्रभाव डालती है। लग्न कुंडली में मान लीजिये कोई ग्रह कमजोर पोजीशन में है तो ऐसा नहीं हो सकता कि वो जिंदगी भर इतना कमजोर रिजल्ट ही देगा। अगर ऐसी पोजीशन होती तो आदमी या तो सिर्फ सुखी होती है या पूरी जिंदगी दुखी होता। ग्रह-गोचर भी अपना बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं और इसके साथ में एक बहुत बड़ा रोल प्ले करती है दशाएं भी। दशाओं के साथ-साथ लग्न कुंडली और चन्द्र कुंडली, नवमांश आदि कि जब एक अमलेटिव फोटोग्राफ हमारे सामने होती है तो हम बड़े ही अच्छे से आंकलन और विश्लेषण के लिए जा पाते हैं। मैं जो महीने भर की स्थितियों में बात करता हूं वो गोचरीय स्थितियां रहती है। गोचर किस तरह से परिवर्तन हो रहा है और आपके मनोस्थितियों पर किस तरह का प्रभाव डालने का कार्य करता है ये हम जान लेते हैं। तो हमारे अगले महीने या जो भी 12-13 महीनों के लिए जैसे गुरु परिवर्तित हुआ, मंगल अभी 6 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक किस पोजीशन में रहेंगे। ये चर्चा और सूर्य जैसे-जैसे महीने भर में अपनी संक्रांति बदलते हैं तो किस तरह के प्रभाव हमारे ऊपर डालेंगे। स्वास्थ्य के हिसाब से कार्य क्षेत्र के हिसाब से ये सब कुछ जान लेना हमारे लिए अतिआवश्यक होता है। तो मंगल 6 नवम्बर को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ये कैसी स्थितियां निक्षेपित कर रहे हैं इसकी चर्चा हमें कर लेनी चाहिए। मंगल जब कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो धनु राशि में विराजित शनि इन्हें तीसरी दृष्टि से देखने का कार्य करेंगे। यानि कि तीसरी दृष्टि मंगल के ऊपर निक्षेपित होगी। आमतया दृष्टि गोचर ये होता है कि ये कार्य विलम्ब वाली स्थितियां होगी। लेकिन कार्य विलम्ब के साथ-साथ जब भी मंगल शनि साथ में हों या युति करते हों तो एक दृढ़ता देने का काम करते हैं और टेक्नीकली ही व्यक्ति को साउंड करने का कार्य करते हैं। यदि आप किसी भी टेक्नीकल फील्ड से जुड़े हुए हैं और उसमें आपको किसी नए प्रोजेक्ट में सफलता नहीं मिल रही है। यदि आप किसी लेंग्वेज के ऊपर काम कर रहे हैं, आप आई.टी. सेक्टर से हैं और किसी प्रोजेक्ट के ऊपर काम कर रहे हैं। इसके अलावा वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत हैं, मोबाइल में नई ऐप डिजाइन करने वाले थे आप और उसमें लगातार प्रयासरत रहने के बाद भी सफलता नहीं मिली तो ये 6 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक का समय आपके लिए बहुत अधिक हद तक अनुकूल कहा जा सकता है। इसके साथ में यदि कोई व्यक्ति स्पोर्टस के अंदर लम्बी पारी खेलने वाला है। लग्न कुंडली के अंदर मंगल की पोजीशन बहुत ही अच्छी है और अभी जो ये दृढ़ता के प्रतीक के रुप में स्थितियां उभर रही है इसमें आप बिलकुल निराश मत होइयेगा। शुरुआती स्तर पर भले ही इन डेढ़-पौने दो महीनों के भीतर सफलता मिले या न मिले लेकिन एंड रिजल्ट के अंदर जाते-जाते यदि आप प्रयासरत रहे तो आपके लिए सकारात्मक स्थितियां सामने आएगी ही आएगी। अब इसके मध्य काल में सूर्य अपनी पोजीशन चेंज करेंगे। शुक्र मार्गीय स्थितियों के अंदर आ जाएंगे ये मासिक राशि फल के माध्यम से मैं चर्चा आपके समक्ष रख दूंगा। मेष राशि वाले जातकों के लिए यदि बात करते हैं तो मंगल लाभ स्थान के अंदर आ जाएंगे। देखिये, ये कितनी वैज्ञानिक तर्कों के आधार के ऊपर 12 भाव हमारे सामने आते हैं कि सर्वप्रथम नवम भाव भाग्य का है। भाग्य के बाद में हम कर्म की बात करते हैं और कर्म के बाद में लाभ की बात करते हैं और लाभ आपके पास परिपूर्ण रूप से उपलब्ध है। तो आप अच्छे से खर्चा भी कर पाएंगे। एक्सपेंसेंस की तरफ भी बढ़ पाएंगे। यानि भाग्य के ऊपर है कर्म और कर्म के ऊपर है लाभ। सिर्फ व्यक्ति भाग्य के भरोसे बैठ जाए। ज्योतिष कभी भी ये नहीं कहती कि आप भाग्य के भरोसे बैठ जाइये। भाग्य अपना स्थान रखता है नवम स्थान भाग्य का है। तृतीय त्रिकोण है भाग्य स्थान। लेकिन इसके साथ-साथ कर्म इसके ऊपर आता है और चारों केन्द्रों में उसे उत्तरोत्तर बलि माना गया है। तो अब मंगल अपनी उच्चस्थ स्थिति से मेष राशि वालों के लिए कर्म स्थान से निकल कर लाभ स्थान में आ रहे हैं। अब आपके कर्म से लाभ देने का कार्य करेंगे मंगल। जो आपने इतने समय तक कर्म किये हैं, मेहनत की है। पहले तो भाग्य की प्रबलता नहीं रह पाई, उसके बाद में कर्म स्थान में आये मंगल और अब है लाभ स्थान वाली पोजीशन के अंदर। आपको लाभ परिपूर्ण रूप से मिल सकता है 6 नवम्बर से 23 दिसम्बर के मध्य काल में। जो भी रुके हुए काम हैं आप उसके लिए आगे बढिय़े। इसके साथ-साथ यदि आप स्पोर्टस पर्सन है तो सातवीं दृष्टि पंचम स्थान के ऊपर जाएगी। बहुत ही बढिय़ा पोजीशन है। उसके साथ यदि आप किसी स्पोर्टस कोटा के साथ में फंडिंग करवाना चाहते हैं तो मंगल की ये पोजीशन आपके लिक्विडिटि को बढ़ावा देने का भी कार्य करेगी। स्पोर्टस पर्सन की बात कर रहा हूं। और इसके साथ कामकाजी महिलाओं के लिए हम बात करते हैं तो आठवीं दृष्टि से मंगल षष्ट स्थान को देखने का कार्य करेंगे। यदि आप किसी कार्य क्षेत्र में विशेष कर महिलाओं के लिए आप लोनिंग एमाउंट के लिए जाना चाहती हैं। ये समय आपको आपके कन्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए बार-बार खटखटाएगा कि आपको अपने कन्फर्ट जोन से बाहर निकल कर खुद की व्यक्तिगत पहचान बनाने के लिए आगे निकलना चाहिए। तो इस तरह की स्थितियां बन रही है। क्योंकि मेष राशि वालों के लिए लाभ स्थान के अंदर आ गए। चौथी दृष्टि से लिक्विडिटि के हाउस को देखा। सातवीं दृष्टि से पंचम स्थान को देखा और इसके साथ में आठवीं दृष्टि से भोग शत्रुओं को दबाने का काम किया। कई बार शत्रु हमारा खुद हमारे भीतर होता है। हम लगातार खुद के विचारों से लड़ते रहते हैं। द्वंद्व लगातार चलता रहता है। उस द्वंद्व से भी निकालने का कार्य करते हैं इस स्थिति में मंगल। क्योंकि एक स्टेट फोरवर्ड रिजल्ट की तरफ व्यक्ति को लेकर जाते हैं आठवीं दृष्टि से जब भी षष्ट स्थान को देखते हैं तब। कोई यदि रोगी है तो उसे भी लडऩे की बहुत अधिक क्षमताएं देते हैं मंगल। बिजनस मैन की यदि बात की जाए और आप यदि माइनिंग से जुड़े हुए हैं। कंस्ट्रक्शन फील्ड से जुड़े हुए हैं तो ये समय बेटर रहेगा आपके लिए। क्योंकि शनि और मंगल एक तरह से शनि तीसरी दृष्टि से मंगल को देख रहे हैं तो कंस्ट्रक्शन, माइनिंग के अंदर एक अच्छी पोजीशन बनाते हैं। दूसरी स्थितियों में भले ही लेट लतीफी वाली अवस्थाएं बनाएं। अब यदि कोई व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है उसके लिए भी समय काफी हद तक बेनिफिशियल है क्योंकि मंगल अच्छी पोजीशन के अंदर। शनि धनु राशि के अंदर विराजित होकर इनके जो नेगेटिव रिजल्ट है उनको कम करने का काम करेंगे। तो ये पोजीशन काफी हद तक आपके राजनीतिक क्षेत्र में हस्तक्षेप बढ़ाने के लिए अच्छी कही जा सकती है। मंगल केतु का भी साथ छोड़ चुके हैं। मंगल और केतु की जो युति बन रही थी दैट वाज रियर काम्बीनेशन ऑफ इलेक्ट्रीसिटी एंड द फायर कल्चर। तो ये युति भी काफी हद तक कम हो चुकी है। केतु अकेले हैं। कर्म स्थान के अंदर और मंगल आगे बढ़ चुके हैं। तो ये स्थितियां रहेगी मेष राशि वालों के लिए। वृषभ राशि वालों के लिए बात करते हैं तो कर्म स्थान के अंदर आ गए हैं मंगल। आपको भगाएंगे, दौड़ाएंगे ये वृषभ राशि वालों की हालांकि फितरित नहीं रहती है। लेकिन फिर भी आपको भगाएंगे, दौड़ाएंगे। मार्केटिंग जैसे फील्ड आपको जोड़ रखा है तो आपकी सॉफ्सटिकेशन को दूर करने का काम करेंगे। कन्फर्ट जोन से बाहर निकालेंगे और अच्छे से आपको रियलाइज करवाएंगे कि मुझे किस तरफ भागना चाहिए। सातवीं दृष्टि सुख स्थान पर रहेगी। सुखों के अंदर न्यूनता आने की पूरी-पूरी संभावनाएं रहती है इस समय। कोई भी गर्भस्थ महिला है, उसके लिए मंगल की आठवीं दृष्टि पंचम स्थान पर इतनी अच्छी नहीं कही जाती तो आप इसके ऊपर चढ़ते रहें या फिर आपको ट्रेवल करना पड़ता है। पहले भी आप यदि मिसकैरेज वाली पोजीशन को भोग चुके हैं। मेरा नम्र निवेदन है आपसे कि आप बड़े ही अच्छे से इत्मीनान के साथ सारे के सारे कार्यों को अंजाम दीजिये 6 नवम्बर से 23 दिसम्बर के मध्य। देखिये, मैं आपको बार-बार कहता हूं कि जब भी हम इन पोजीशन्स की बात करते हैं तो हम पोजीशन को अवर्ट करने की कोशिश करते हैं। मेरी कोशिश यही रहती है कि आपको इसके बारे में एक सचेत अवस्था के रूप में लेकर जाऊं जिससे कि आप इस समय को बड़े ही अच्छे से निकाल पाएं। ज्योतिषीय का परम धर्म यही कहता है। तो जब भी कर्म स्थान के अन्दर बैठेंगे, सुख स्थान को देखेंगे और फिर इसके बाद में पंचम स्थान को देखने का कार्य करेंगे। लेकिन साथ में चौथी दृष्टि से राशि स्थान को भी देखेंगे तो एक पोजीशन बैलेंस एप्रोच में आई हुई कही जा सकती है। तो इस तरह से वृषभ राशि वालों के लिए मिले-जुले प्रभाव रहेंगे, लेकिन कर्म स्थान में है मार्केटिंग, फार्मास्यूटिकल से जुड़े हुए लोगों के लिए लगातार घूमना पड़ेगा। आप एक से दूसरी जगह भ्रमणशील रहेंगे। यदि आप सी.ओ. है और किसी भी कंपनी के ऊपर की एप्रोच के अंदर है तो एक शहर से दूसरे शहर आप लगातार लांज में घूमते चले जाएंगे ये पोजीशन आपके लिए बनने वाली है। भाग्य स्थान में मंगल आ रहे हैं मिथुन राशि वालों के लिए। भाग्य से इतना सपोर्ट मिलने की संभावनाएं नहीं रहेगी। कमतर स्थितियां रहेगी। इसका विशेष तौर पर ध्यान रखें। दुगुनी रफ्तार से भागने की आवश्यकता रहेगी। लेकिन सातवीं दृष्टि से पराक्रम स्थान को देखकर नौकरी आदि के अंदर आपका पराक्रम बढ़ाने का काम करेंगे। व्यर्थ के खर्चों को आप बचा नहीं पाएंगे क्योंकि चौथी दृष्टि से व्यय स्थान को देखेंगे तो हो सकता है कि दीपावली के आसपास ही अच्छे-खासे खर्चे आपके सामने निकल कर आएं। आठवीं दृष्टि से सुख स्थान को देखेंगे। सुखों में कमी, लेकिन जमीन के माध्यम से बेनिफिट मिल सकता है। इस चीज का आपको ध्यान रखना चाहिए। कर्क राशि वालों की जब हम बात करते हैं। अष्टम रहेंगे मंगल। जब मंगल अष्टम रहेंगे और षष्ट में रहेंगे शनि तो इस पोजीशन को आप देखिये कि तीसरी दृष्टि से जब अष्टम स्थान को शनि देखेंगे तो माइनिंग और खनिज संबंधी जो भी कार्य हैं। ये हैडन हाउस है। अष्टम स्थान हैडन हाउस है। मंगल वैसे भी खनिजों के अधिपति होते हैं तो इस जगह बैठकर जो लोग भी इस फील्ड से जुड़े हुए हैं उनके लिए ये काफी हद तक बेहतर समय कहा जा सकता है। यदि आप माइनिंग के क्षेत्र में, कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में ऊपर की स्टडी ले रहे हैं या फिर इसी से संबंधित किसी और फील्ड के अंदर आप पी.एच.डी. की तरफ जा रहे हैं। लम्बे समय से फस्र्टड थे मेरी एप्रोच क्लीयरटी की तरफ क्यों नहीं जा पा रही है तो ये समय आपके बिलकुल सही है। नितांत रूप से आप आगे बढिय़े और सफलता आपके लिए गाहे-बगाहे खड़ी हुई है। लेकिन साथ में कर्क राशि वालों को जब पराक्रम स्थान के ऊपर मंगल की आठवीं दृष्टि पड़ती है तो संभल रहने की भी आवश्यकता होती है। निरर्थक पराक्रम दिखाने का काम करते हैं। एक तो हैडन हाउस के अंदर बैठकर। जो प्रोबलम्स बहुत लम्बे समय से दबी हुई थी जिनके सामने आने की कोई भी संभावना नहीं थी, कर्क राशि के लिए पोजीशन थोड़ी-सी अवर्जित हो सकती है आपको संभल कर चलना चाहिए। क्योंकि आठवीं दृष्टि से पराक्रम स्थान को देखेंगे, निरर्थक पराक्रम हमें जिंदगी कभी नहीं चाहिए। हमारे पास में जितना पराक्रम है और जब उसे दिखाना हो तब भी उसकी आवश्यकता होनी चाहिए। तो ये बात रही कर्क राशि वालों के लिए। सिंह राशि वालों के लिए सप्तम आ रहे हैं। विशेष तौर से गृहस्थ के माध्यम से आप ध्यान रखिये। अब इसमें पोजीशन क्या बनेगी। कि सप्तम स्थान के अंदर बैठेंगे। चौथी दृष्टि से कर्म स्थान को देखने का काम करेंगे। कर्म में बढ़ावा देने का काम, लिक्विडिटि के ऊपर जब आठवीं दृष्टि से देखेंगे तो बिजनस में एक्सपान्सन के लिए खर्चे करते चले जाएंगे सिंह राशि वाले जातक। और इस समय अंतराल के अंदर परिवार को समय नहीं दे पाने के कारण गृहस्थ की नाराजगी आपको सहन करनी पड़ सकती है। बैलेंस्ड एप्रोच की तरफ आप जाएं। बेटर रहेगा क्योंकि मंगल जब भी सातवें आते हैं। इस पोजीशन के अंदर तो आपका गुस्सा, फस्र्टेशन एंजायटी बढ़ाने का कार्य भी करते हैं। जहां इगो की आवश्यकता नहीं होती वहां भी कई बार इगो सामने आ जाता है इस पोजीशन को आपको एवर्ट करना चाहिए। कन्या राशि वालों की यदि बात की जाए तो षष्ट आ रहे हैं मंगल। यदि आप पाइल्स प्रोबलम से जूझ रहे हैं या अन्य किसी बल्ड लोसेज की प्रोबलम से जूझ रहे हैं। मासिक धर्म की स्थितियां यदि कंट्रोल्ड एप्रोच के अंदर नहीं चल रही है तो आपको ध्यान रखना चाहिए। आयुर्वेदिक इलाज के लिए आप जाएं बहुत ही बेहतर रहेगा क्योंकि शनि भी सुख स्थान के अंदर बैठकर तीसरी दृष्टि से षष्ट स्थान को देखने का काम करेंगे तो ये पोजीशन अच्छी नहीं कही जा सकती। लोन वाली पोजीशन्स को बिलकुल टालियेगा कुछ समय के लिए और उसके बाद में लोन वगैरह के लिए जाएंगे तो एक बेटर एप्रोच रहेगी कन्या राशि वाले जातकों के लिए। लेकिन किसी गंभीर रोग से आप जूझ रहे थे और इच्छाशक्ति की कमी, विल पावर की यदि आप कमी महसूस कर रहे थे तो उसको आप बढ़ावा निश्चित तौर पर पाएंगे उसमें एक नवीन ऊर्जा का संचार होगा। रोगों से लडऩे की ताकत आपके भीतर पनप पाएगी। तुला राशि वालों के लिए पंचमस्थ आ रहे हैं मंगल। टेक्नीकल एज्यूकेशन लेने वाले यदि तुला राशि के लोग हैं तो आपको कोई न कोई सरप्राइजिंग एलाइमेंट सामने आने वाला है। आपके सामने कोई न कोई सरप्राइजिंग एलाइमेंट आएगी। यदि आप कॉलेज या किसी इंस्टीट्यूट के अंदर है, अच्छा प्राइज मिल सकता है क्योंकि पराक्रम स्थान के अंदर शनि। शनि तीसरी दृष्टि से पंचमस्थान को देखेंगे और मंगल वहीं बैठे हुए हैं। टेक्नीकली आपके लिए मनोस्थितियों को और सुदृढ़ करने का कार्य करेंगे। ये पोजीशन अच्छी है। स्पोर्टस पर्सन के लिए मेष राशि वालों से भी ज्यादा तुला राशि वालों के लिए पोजीशन अच्छी है। क्योंकि फेम को पचाने की ताकत देंगे इस पोजीशन के अंदर बैठकर मंगल। तो तुला राशि वालों के लिए इतना फेम सामने उभर कर यदि आएगा भी तो भी एक निराश्रय वाली पोजीशन रहेगी। जब फेम में निराश्रय वाली पोजीशन होती है तो आदमी उसे हटकर कंस्लट्रेडेड पोजीशन के साथ बहुत ही अच्छे से कार्य कर पाता है। तो ये समय आपके लिए बड़ा ही बेटर कहा जा सकता है। सर्विस चेंज की जो भी गुंजाइशें है उस तरफ आप जाना चाहते हैं, जरूर जाइये क्योंकि कर्म स्थान के ऊपर मंगल की भी दृष्टि नहीं है। लाभ स्थान के ऊपर दृष्टि है। तो कर्म में व्यर्थ का आपको दौड़ाएंगे नहीं। लेकिन लाभ में तापीय पोजीशन बनाने की वजह से वहां बढ़ावा देने का काम करेंगे और वैसे भी व्यय बढऩे वाले हैं। आठवीं दृष्टि की वजह से व्यय स्थान के ऊपर। तो आप यदि चेंजेंज की ओर अग्रसर होते हैं तो वो आपके लिए पोजीटिव ही रहने वाला है। बात करते हैं वृश्चिक राशि वाले जातकों की। वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल सुख स्थान के अंदर रहेंगे। सुख स्थान के अंदर ये पोजीशन्स सुखों के अंदर न्यूनता देने वाली होगी। लेकिन किसी भूमि विवाद से आप जूझ रहे है तो बेनिफिट होगा। आप अपने जो भी व्हीकल्स है घर में। फोरव्हीलर है उनका विशेष तौर पर ध्यान रखियेगा ओवर स्पीड से बचियेगा और इसके साथ-सथ में व्हीकल्स आपसे खर्चा मांग सकते हैं। इस चीज का विशेष तौर पर ध्यान रखें। कई बार टिकट कंसीलेसन वाली पोजीशन्स या फिर इधर-उधर जाने का बना और आप जा नहीं पाए तो उस पोजीशन के अंदर भी मंगल काफी हद तक अपना यहां बैठकर योगदान देते हैं। कर्म स्थान को देखेंगे तो कर्म के अंदर एक तरह से वृद्धि करने का कार्य करेंगे वहां तापीय दृष्टि डालेंगे तो व्यक्ति को दौड़ाने का काम करेंगे। लाभ स्थान को देखेंगे तो वो एक बेनिफिशयल वाली पोजीशन है। लेकिन चौथी दृष्टि से वही सप्तम स्थान को देखेंगे तो गृहस्थ के हिसाब से ये पोजीशन इतनी मुफीद नहीं कही जा सकती। धनु राशि वालों के लिए हम जब भी बात करते हैं तो पराक्रम स्थान के अंदर है मंगल। जहां पराक्रम की आवश्यकता है पूर्णरूपेण आपको वहां पराक्रम देंगे। धनु में ही शनि खुद विराजमान हैं। राशि स्थान में विराजित होकर ये पराक्रम में वृद्धि का काम करेंगे लेकिन काम में लेट-लतीफी वाली पोजीशन बनी रह सकती है। इससे आपको थोड़ा सा बचना चाहिए। फिर से चौथी दृष्टि इनकी षष्ट भाव के ऊपर है तो चौथी दृष्टि जब भी षष्ट भाव पर हो लोनिंग एमाउंट से हमें बचना चाहिए। लोन लेने के लिए न जाएं। न ही इस समय के अंदर हम किसी से कोई ऐसी ब्याज वाली डील फिक्स करें। यदि आप किसी को रुपया ब्याज के ऊपर देना भी चाहते हैं तो इस समय आपको बचना चाहिए। ये पोजीशन अच्छी नहीं कही जा सकती है। अब इसके बाद में बात करते हैं मकर राशि वाले जातकों की। मकर राशि वालों के लिए सैकिंड पोजीशन में। ये कुटुम्ब का भाव है और मंगल जब भी सैकिंड पोजीशन में कुटुम्ब की स्थिति के अंदर आते हैं तो आपके कुटुम्ब से तलख्यिां रखने का काम करते हैं। विशेष तौर पर जब शनि तीसरी दृष्टि से सैकिंड हाउस को देखेंगे तो आपको अपने घर-परिवार में न्यायाधिपति बना देंगे एक तरह से। जो भी बोलेंगे एकदम क्लीयर बोलेंगे और इसके साथ में लोगों को भीतरी तौर पर मालूम होगा कि ये बिलकुल सही कह रहा है। लेकिन उस पोजीशन को आप मानने के लिए तैयार तो होंगे लेकिन सामने वाले व्यक्ति को पोजीशन अच्छी नहीं लग सकती है। कर्कश लग सकती है। इसलिए आपको ये जजमेंटल पोजीशन से बचना चाहिए। इस चीज का मकर राशि वाले जातक विशेष तौर पर ध्यान रखें। अब कुंभ राशि वालों के लिए बात करते हैं तो मंगल राशि स्थान में ही आ चुके हैं। ये पोजीशन आपके लिए बेटर है। बेटर इसलिए कि राशि स्थान में जब भी आएंगे पराक्रम में वृद्धि करेंगे। इसके साथ में जो आपकी एप्रोच है उसमें साहस देने का कार्य करेंगे। सुखों में जब न्यूनता रहेगी तो व्यक्ति भागना शुरू करेगा। व्यापार स्थान को देखेगा। तो व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ाएगा। अष्टम स्थान को देखेगा। हैडिन प्रोबलम्स को एक्सपोज करके उन्हें एक साइड करने का कार्य भी करेंगे। तो ये भी स्थिति अच्छी कही जाएगी कुंभ राशि वालों के लिए। इसके साथ-साथ जब सोलह नवम्बर को सूर्य अपनी पोजीशन चेंज कर जाएंगे। यदि आप जॉब चेंज के लिए जाना चाहते हैं, या फिर अपने बिजनस एक्पांसन के लिए जाना चाहते हैं। ये समय आपके लिए अच्छा कहा जा सकता है। अब मंगल जब मीन राशि वालों के लिए बात करते हैं तो द्वादश आ जाएंगे। द्वादश आ जाने की वजह से व्यर्थ के एक्सपेंसेज इसके साथ-साथ में चोटिल होने वाली स्थितियां भी हो सकती है। उससे आपको बचना चाहिए। क्योंकि सातवीं दृष्टि से षष्ट स्थान को देख रहे हैं। तो ये सातवीं दृष्टि जहां बिलकुल सीधी दृष्टि किसी भी ग्रह की कही जाती है। आप देखिये, एक घेरा हम बना लेते हैं उसके कोर्नर पर यदि हम खड़े हो जाते हैं और कहीं भी दृष्टि डालते हैं तो वो बिलकुल सामने जाती है दृष्टि। वहीं हरेक ग्रह के साथ भी कार्य करती है सातवीं दृष्टि बिलकुल सामने रहेगी षष्ट स्थान के ऊपर। आठवीं दृष्टि सप्तम स्थान। यानि गृहस्थ भाव के ऊपर रहेगी। आप इसका भी विशेष तौर पर ध्यान रखें। गृहस्थ के हिसाब से भी ये पोजीशन इतनी बढिय़ा नहीं कही जा सकती। गृहस्थ में एक आपको कहीं न कहीं एक सामंजस्य की आवश्यकता रहेगी। इस बात का आप विशेष तौर पर ध्यान रखें। गोचर में और कौन-कौन से ग्रह किस हिसाब से अपनी पोजीशन्स को लिए हुए हैं इसकी भी हम एक चर्चा करेंगे। जब मैं राशि फल आपके समक्ष प्रस्तुत करूंगा। सूर्य भी वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तो किस हिसाब का कार्य क्षेत्र पर प्रभाव डालेंगे ये चर्चा कर लेना भी अति आवश्यक है। तो रूप चतुर्दशी के दिन बड़े ही अच्छे से इस त्योहार को मनाइये। छोटी दीपावली है और इसी दिन ग्रहों के सेनापति भी अपनी पोजीशन को चेंज कर जाएंगे।

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