Featured Post

नवरात्रि में पाएं आर्थिक समृद्धि

हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही अहम माना गया है। भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है और ये सभी ऋतु परिवर्तन के संकेत होते हैं। या यूं कहें कि ये सभी ऋतु परिवर्तन के दौरान मनाए जाते हैं। सामान्यत: लोग दो ही नवरात्र के बारे में जानते हैं। इनमें पहला वासंतिक नवरात्र है, जो कि चैत्र में आता है। जबकि दूसरा शारदीय नवरात्र है, जो कि आश्विन माह में आता है। हालांकि इसके अलावा भी दो नवरात्र आते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नवरात्र के बारे में कई ग्रंथों में लिखा गया है और इसका महत्व भी बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी महीनों के मुताबिक 3 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा। इन दिनों में तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है, विशेषकर धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं। धन प्रात्ति के लिए नियमपूर्वक-विधि विधान से की गई आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। नौकरी-पेशे वाले धन प्रात्ति के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना- गुप्त नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर मां की आराधना करें।  मां को लाल कपड़े में...

एक कहानी

अमेरिका में हुए एक मोटिवेशनल स्पीकर के सेमिनार के बाद एक अति उत्साहित व्यक्ति बैक स्टेज पर मोटिवेशन स्पीकर के पास पहुंचा और कहा कि वो मुझे वाकई बहुत प्रेरणादाई लगा है। ये लोगों में जिन्दगी जीने की ऊर्जा भरता है और उन्हें एक नई ताकत, जोश देता है। मैं बिजनसमैन हूं और अपनी इस जिन्दगी से पूरे तरीके से फेडअप हूं। आपकी तरह ही मैं काम करना चाहता हूं, जिससे लोगों को जिन्दगी जीने की नई ऊर्जा मिले और वो प्रेरित हों। आपकी जो भी फीस हो प्लीज मुझे बताइये। मैं आपसे काम सीखना चाहता हूं। मोटिवेशन स्पीकर ने मुस्कुराते हुए कहा फीस की आवश्यकता नहीं है, ये बहुत ही भलाई का काम है। तीन दिन बाद मेरे ऑफिस आ जाइयेगा और वहां पर आपकी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। वो व्यक्ति तीन दिन बाद पूरे उत्साह के साथ मोटिवेशन स्पीकर के घर पहुंचा। उन्हें ऑफिस में बिठाया गया और एक पेपर और पेन दिया गया मोटिवेशन स्पीकर के द्वारा और कहा गया कि आप उस सेमिनार के बाद से आज तक के समय में जितने भी लोगों से मिले है, उन सबके नाम इस पेपर के ऊपर उकेर दीजिये, ये मेरी ट्रेनिंग से पहले की एक्सरसाइज का हिस्सा है और उसके बाद हम आगे बढ़ेंगे ट्रेनिंग के लिए। उसने कहा ठीक है, इसमें कोई परेशानी नहीं है। उसने सोच-समझकर विचार कर तकरीबन 42 नाम उस लिस्ट पर उकेर दिए, लिख दिए और उसके बाद वो लिस्ट मोटिवेशन स्पीकर ने वो लिस्ट अपने पास लेते हुए कहा कि इन 42 व्यक्तियों में से आपने किस-किस व्यक्ति को जिन्दगी जीने की नई ऊर्जा दी, प्रेरणा दी और उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया वो व्यक्ति सकते में आ गया, अभी-अभी तो वो वॉचमैन से झगड़ा करके आया था, पत्नी से झगड़े होना रोज की रोजमर्रा की बात थी। इसके अलावा बच्चों को झिड़किया देना उसके स्वभाव में था ऑफिस का पियोन हो चाहे और कोई आदमी, हरेक से ऐसे ही स्वभाव से वो आदमी मिलता था। उसे मोटिवेशन स्पीकर का दिया यह हुआ संदेश समझ में आ गया कि किसी सेमिनार हॉल की जरूरत नहीं है। किसी को जिन्दगी जीने की ऊर्जा देने के लिए। आप हर क्षण प्रति क्षण किसी भी व्यक्ति को प्रेरणा दे सकते हैं, उसे आगे बढऩे के लिए मोटिवेशन कर सकते हैं। हमारे यहां हिन्दुस्तान में आध्यात्म इसी तरीके की ऊर्जा के साथ हमेशा प्रवाहित रहा है, स्पंदित रहा है। जो यात्रा बाहर से भीतर की ओर चलती है, आध्यात्म में वो ही यात्रा भीतर से बाहर की ओर चलती है यानि खुद समझें, दूसरों को प्रेरणावान बनाएं और उसके बाद अपनी जिन्दगी को भी सफल और सुगम बनायें। आपकी जिंदगी सफल हो, सुगम हो, आप दूसरों को प्रेरणा देते रहें और खुद को भी आगे बढ़ाते रहें। इन्हीं कामनाओं और प्रेरणाओं के साथ।

Comments

Popular Posts

हरे कृष्ण महामंत्र की महिमा

22. वेद : रोग निवारण सूक्तियां

लघु बीजात्मक दुर्गा सप्तशती